कुमार विश्वास की शायरी

तुझ को गुरुर ए हुस्न है मुझ को सुरूर ए फ़न

तुझ को गुरुर ए हुस्न है मुझ को सुरूर ए फ़न 🎤😊,दोनों को खुदपसंदगी की लत बुरी भी है 📜,तुझ में छुपा के खुद को मैं रख दूँ मग़र 🎤😊,मुझे कुछ रख के भूल जाने की आदत बुरी भी है 👍📜

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कहीं पर जग लिए तुम बिन

कहीं पर जग लिए तुम बिन 📜🎤, कहीं पर सो लिए तुम बिन! 📜😊,भरी महफिल में भी अक्सर 🎤, अकेले हो लिए तुम बिन! 👍,ये पिछले चंद वर्षों की कमाई साथ है 📜,कभी तो हंस लिए तुम बिन 📜👍, कभी तो रो लिए तुम बिन 🎶

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कोई कब तक महज सोचे

कोई कब तक महज सोचे 🎤,कोई कब तक महज गाए 📜,ईलाही क्या ये मुमकिन है कि कुछ ऐसा भी हो जाए 📜,मेरा मेहताब उसकी रात के आगोश मे पिघले 😊,मैँ उसकी नीँद मेँ जागूँ वो मुझमे घुल के सो जाए 🎤🎶

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नज़र में शोखिया लब पर मुहब्बत का तराना है

नज़र में शोखिया लब पर मुहब्बत का तराना है 📜🎶,मेरी उम्मीद की जद में अभी सारा जमाना है 😊👍,कई जीत है दिल के देश पर मालूम है मुझकों 👍📜,सिकन्दर हूँ मुझे इक रोज़ खाली हाथ जाना है! 📜👍

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तुम्हीं पे मरता है ये दिल

तुम्हीं पे मरता है ये दिल 🎶📜, अदावत क्यों नहीं करता 😊,कई जन्मों से बंदी है 📜, बग़ावत क्यों नहीं करता 😊🎶,कभी तुम से थी जो वो ही शिकायत है ज़माने से 🎤🎶,मेरी तारीफ़ करता है 🎤🎶, मुहब्बत क्यों नहीं करता 📜

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मेरे जीने मरने में तुम्हारा नाम आएगा

मेरे जीने मरने में तुम्हारा नाम आएगा 🎤🎶,मैं सांस रोक लू फिर भी 📜😊, यही इलज़ाम आएगा 🎶🎤,हर एक धड़कन में जब तुम हो 👍, तो फिर अपराध क्या मेरा 🎶📜,अगर राधा पुकारेंगी 📜🎤, तो घनश्याम आएगा! 🎤👍

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मिले हर जख्म को मुस्कान को सीना नहीं आया

मिले हर जख्म को मुस्कान को सीना नहीं आया 🎶😊,अमरता चाहते थे पर ज़हर पीना नहीं आया 🎶😊,तुम्हारी और मेरी दस्ता में फर्क इतना है मुझे 👍,मरना नहीं आया तुम्हे जीना नहीं आया 🎶

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