Kismat Shayari

खुद में ही उलझी हुई हैं जो मुझे क्या सुलझायेगीं

खुद में ही उलझी हुई हैं जो मुझे क्या सुलझायेगीं ❤️,भला हाथों की चंद लकीरें भी क्या किस्मत बताएगीं! ❤️💫

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