उम्मीदों से बंधा एक जिद्दी परिंदा है इंसानBy Team / 18 February 2024 उम्मीदों से बंधा एक जिद्दी परिंदा है इंसान, 🌞जो घायल भी उम्मीदों से है और जिंदा भी उम्मीदों पर है।, ☕️