ऐ बादल इतना न बरस कीBy Team / 18 February 2024 ऐ बादल इतना न बरस की, 💧💧नफ़रतें धूल जाएँ, 💦🌂इंसानियत तरस गयी है, ⛈️☔प्यार पाने के लिए।, 💧⛈️