ऐ बादल इतना न बरस की

ऐ बादल इतना न बरस की, 💧💧
नफ़रतें धूल जाएँ, 💦🌂
इंसानियत तरस गयी है, ⛈️☔
प्यार पाने के लिए।, 💧⛈️