काग़ज़ की कश्ती थी पानी का किनारा था

काग़ज़ की कश्ती थी पानी का किनारा था 👶👦,
खेलने की मस्ती थी ये दिल अवारा था 👬👦,
कहाँ आ गए इस समझदारी के दलदल में 👦,
वो नादान बचपन भी कितना प्यारा था! 👶👧