मैं दिनभर ना जाने कितने

मैं दिनभर ना जाने कितने, 💌😔😞
चेहरो से रुबरू होता हूँ, 🥺
पर पता नही रात को ख्याल, 💔💌😢
सिर्फ़ “उनका” ही क्यो आता है।, 😢😢