मैं दिनभर ना जाने कितनेBy Team / 18 February 2024 मैं दिनभर ना जाने कितने, 💌😔😞चेहरो से रुबरू होता हूँ, 🥺पर पता नही रात को ख्याल, 💔💌😢सिर्फ़ “उनका” ही क्यो आता है।, 😢😢