सदा तो धूप के हाथों में ही परचम नहीं होता

सदा तो धूप के हाथों में ही परचम नहीं होता 📜,
खुशी के घर में भी बोलों कभी क्या गम नहीं होता 😊,
फ़क़त इक आदमी के वास्तें जग छोड़ने वालो 📜,
फ़क़त उस आदमी से ये ज़माना कम नहीं होता! 🎤