उसी की तरह मुझे सारा ज़माना चाहे ,
वो मेरा होने से ज्यादा मुझे पाना चाहे ,
मेरी पलकों से फिसल जाता है चेहरा तेरा ,
ये मुसाफिर तो कोई ठिकाना चाहे!
उसी की तरह मुझे सारा ज़माना चाहे ,
वो मेरा होने से ज्यादा मुझे पाना चाहे ,
मेरी पलकों से फिसल जाता है चेहरा तेरा ,
ये मुसाफिर तो कोई ठिकाना चाहे!
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